अब बस दूर से तुमको देखा करुँगी
पानी के नीचे समुद्र में
झिलमिलाती रोशनी के बीच
तुम्हारी उदास आँखों को देखूंगी
मगर बस दूर से
रोज़, हर घड़ी तुम्हे देखने आउंगी
तुम बोलते रहना
मैं सब कैद कर लूंगी
जब तुम नींद में होंगे
मेरी उंगलियों से तुम्हारी उंगलियों को छूवूँगी
थोड़ी देर अँधेरी आँखों से देखूंगी
तुम्हारे निराश होठ
तुम्हारी थकी हुई धड़कन
अपने होने का एहसास भी होने नहीं दूंगी
तुम्हे दूर से तुमसे दूर खड़ी देखूंगी
डूबते हुए चाँद से बातें करुंगी
कब तक जगूंगी?
तुम्हारी उदास आंखें सोने नहीं देती लेकिन मुझे
ये शांत हवा क्यों बह रही है
मेरे कानो में तुम्हारा शोर क्यों नहीं है
चुप क्यों हो गए तुम ?
शिकायत ही करते रहो
कुछ बोलो मगर
क्यों नहीं चल सकते साथ क्षितिज तक
ये ही कह दो
मैं होश में रहूंगी
तुमसे दूर तुम्हारी आवाज़ महसूस करुंगी
इस सन्नाटे में, इस रात में
तुम्हारी उंगलियों से मेरी उंगलियां कह रही थी
इंतज़ार करना |
इंतज़ार करोगे?
18th August, 2020
2:27 am